लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप फ़रवरी 17, 2020 आदतें तेरीनहीं बदलेगी चाहे बदले जमाना न नजरों में तेरी शर्म है न हया कोई ! सीमा असीम 17,2,20 और पढ़ें
लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप फ़रवरी 17, 2020 अंग अंग जख्मी है पोर पोर में दर्द तू नहीं समझेगा नहीं तो देता क्यों कर ! सीमा असीम 17,2,20 और पढ़ें
लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप फ़रवरी 17, 2020 छोड़ दो उस शख्स को जो आँखों में आँसू भर दे और पढ़ें
लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप फ़रवरी 16, 2020 तुम मेरे हो यह जानती हूँ मैं गैर कुछ भी कहें क्या फर्क पड़ता है सीमा असीम 16,2,20 और पढ़ें
लिंक पाएं Facebook Twitter Pinterest ईमेल दूसरे ऐप फ़रवरी 16, 2020 shayri बहने लगते हैं अश्क फिर मन संभलता नहीं दुविधा है कि तुमसे क्या कहें क्या न कहें हम सीमा असीम 16,2,20 और पढ़ें